हिमायतनगर | नांदेड जिले के वाढोणा शहर मी स्थापित बालाजी मंदिर में भगवान श्री कार्तिक स्वामी (शडानंद) के दर्शन पूर्णिमा की समाप्ति के उपलक्ष पर मंगलवार, तारीख १२ रोज कार्तिक स्वामी को देखते हुए किये है। यह जानकारी श्री कांतागुरू वालके, गजानन गुरु वालके ने संवादादाता से बात करते हुए दी है।
हिमायतनगर शहर पूरे महाराष्ट्र में देवो-देवताओं और मूर्तियों के शहर के रूप में जाना जाता है। खुदाई और निर्माण के माध्यम से हजारों साल पहले बरकरार चट्टान की दुर्लभ मूर्तियां इस ग्राम में उजागर हुई हैं। उनमें से एक कार्तिक स्वामी से संबंधित मूर्ति (शडानंद) कि है, जो कार्तिक पूर्णिमा को रोज ददर्शन के लिये दुर्लभ मानी जाती है। तारीख १२ मंगळावर रोज कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष पर सुभा ७ से लेकरं शाम ५ बजे तक कई भक्तों ने कार्तिक स्वामी मूर्तिका दर्शन लेकरं आशीर्वाद प्राप्त किये है। कार्तिक स्वामी (शडानंद) की मूर्ति बहुत हि खूबसूरत और सुंदर है, यह मूर्ती हिमायतनगर के वाढोणा शहर के बालाजी मंदिर में नांदेड़ जिले में एकमात्र मूर्ति है। यह मूर्ति मोर पर विराजित है इसलिए, विदर्भ, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र भर से श्रद्धालु और भक्त दर्शन के लिए मौजूद होकार दुर्लभ मूर्ती का दर्शन करते हैं। इस मानव जन्म में धन, संपत्ति और धन के समर्पण के लिये श्री कार्तिक स्वामी का दर्शन लेकरं एक बेहतर जीवन प्राप्त हो ऐसी कामना करते हुते हुए आशीर्वाद मांगा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सुबह ४ बजे बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान कार्तिक स्वामी की मूर्ति का अभिषेक किया गया और प्रसाद वितरित किया गया। किंतु इस बार, कृतिका नक्षत्र अगले दिन आने के कारण विशेषकर महिलाओं को कार्तिकेय स्वामी के दर्शन करने के लिए नहीं मिला, लेकिन पुरुषों ने कार्तिकेय को देखा और दर्शन किये है।
हिमायतनगर शहर पूरे महाराष्ट्र में देवो-देवताओं और मूर्तियों के शहर के रूप में जाना जाता है। खुदाई और निर्माण के माध्यम से हजारों साल पहले बरकरार चट्टान की दुर्लभ मूर्तियां इस ग्राम में उजागर हुई हैं। उनमें से एक कार्तिक स्वामी से संबंधित मूर्ति (शडानंद) कि है, जो कार्तिक पूर्णिमा को रोज ददर्शन के लिये दुर्लभ मानी जाती है। तारीख १२ मंगळावर रोज कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष पर सुभा ७ से लेकरं शाम ५ बजे तक कई भक्तों ने कार्तिक स्वामी मूर्तिका दर्शन लेकरं आशीर्वाद प्राप्त किये है। कार्तिक स्वामी (शडानंद) की मूर्ति बहुत हि खूबसूरत और सुंदर है, यह मूर्ती हिमायतनगर के वाढोणा शहर के बालाजी मंदिर में नांदेड़ जिले में एकमात्र मूर्ति है। यह मूर्ति मोर पर विराजित है इसलिए, विदर्भ, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र भर से श्रद्धालु और भक्त दर्शन के लिए मौजूद होकार दुर्लभ मूर्ती का दर्शन करते हैं। इस मानव जन्म में धन, संपत्ति और धन के समर्पण के लिये श्री कार्तिक स्वामी का दर्शन लेकरं एक बेहतर जीवन प्राप्त हो ऐसी कामना करते हुते हुए आशीर्वाद मांगा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सुबह ४ बजे बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान कार्तिक स्वामी की मूर्ति का अभिषेक किया गया और प्रसाद वितरित किया गया। किंतु इस बार, कृतिका नक्षत्र अगले दिन आने के कारण विशेषकर महिलाओं को कार्तिकेय स्वामी के दर्शन करने के लिए नहीं मिला, लेकिन पुरुषों ने कार्तिकेय को देखा और दर्शन किये है।