हिमायतनगर शहर में डेंगू से १६ वर्षीय युवती कि मृत्यू

अधिकारी और साफ-सफाई देखने वाले निरीक्षक पर कार्रवाई करें
हिमायतनगर में उससे पहले हुई थी एक बालक कि मृत्यू 


हिमायतनगर | नांदेड जिले में डेंग्यू का फेवर बढता जा रहा है... जब कि सरकार बनाने में राजनैतिक दल परेशान रहते वक्त डेंग्यू के शिकार ने स्मूचे नांदेड जिले कोअपनी चमेट में लिये हुवा है| जिससे नांदेड, हदगाव, हिमायतनगर, उमरी,किनवट, माहूर समेत ग्रामीण परिसर में डेंग्यू जैसी जाणलेवा बिमारी पार काबू पाने में संबंधित प्राशन असफल हुवा है| इसी
लपरवाही के कारण हिमायतनगर शहर के बजरंग चौक में १० वीं कक्षा की एक लड़की की शुक्रवार दोपहर नांदेड़ में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना से शहर में डेंग्यू बुखार दहशत फैल गई है| और बताया जा रहा है कि यह शहर का दूसरा मरीज डेंगू पीड़ित था। इस घटना के बाद, सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता नगर पालिका के अधिकारी और सफाई की देखभाल करने वाले निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।



हिमायतनगर शहर तालुका है, और यहापर नगर पंचायत कार्यान्वित है, किंतु विगत कुछ महिने से  कुंभकर्णी नेतृत्व के कारण, शहर में अशुद्ध और गंदे माहौल फैल गया है। हालांकि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा इस संबंध में आवाज उठाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क हुवा है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन के अपर्याप्त कर्मचारियों के कारण शहर का गंदा साम्राज्य बरकरार है। यह आरोप लगाया गया है कि प्रशासन और सत्ताधारी नेताओं ने अपने स्वार्थी विवेक के लिए सफाई का करोबर चौपट कर दिया है, कारणवश ठेका कैन्सल हुवा तबसे नगर पालिका इसके लीये जिम्मेदार हैं। इस कारण स्वच्छता विभाग में कार्यरत निरीक्षक सुविधा वाले शहर में निवास कर हिमायतनगर का कारोबार चलाते है| उससे शहर के चौराहों और क्षेत्र में कचरे के साथ गंदगी के कारण मैला ढोने के कर्मचारीयोने अंदेखी कि है। परिणामस्वरूप शहर में मच्छर (डेंगू मच्छर) पैदा होते हैं, जिससे शहर के निवासी नागरिक बुखार, डेंगू और मलेरिया सहित विभिन्न बुखार की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। इसके कारण चार दिन पहले बजरंग चौक के बास्टेवाड परिवार की बेटी रूपाली भारत बास्टेवाड को बुखार चडा था, जिससे असे सरकारी अस्पताल में भरती किया लेकिन, गुरुवार को उन्हें नांदेड़ के लिए रेफर किया गया था क्योंकि बुखार कम नहीं हुआ था क्योंकि शरीर में खून व कोशिकाओं की कमी हो गई थी। दौरान इलाज के चलते बालिका कि डेंग्यू बुखार से मौत हो गई थी। इस साल की शुरुआत में, भारत बास्टेवाड के निधन के बाद परिवार में चार बेटियाँ और माँ थीं तीसरे नंबर पर रहने वाली लड़की कि आज मृत्यू हुई, जबकी दो बहनों कि शादी हुई, अब एक छोटी बहन और माँ घर में है ऐसी जाणकारी रिश्तेदार, हभप. रामराव महाराज ने संवाददाताओं से कहा। डेंगू बुखार की बीमारी के कारण शहर में खतरे की स्थिति पैदा हो गई है, और नागरिकों में डेंगू की प्रजनन की आशंका बढ़ गई है। यह मच्छरों की उत्पत्ति और मात्र गंदगी के साम्राज्य का कारण प्रतीत होता है।



इस संबंध में, मुख्याधिकारी श्रीमती प्रियंका टोंग ने कहा कि, पानी को आवश्यकतानुसार सुरक्षित भंडारण क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। घर के पिछवाड़े और फ्रिज में पानी जमा न होने दें। कचरे में नम और सूखे कूड़े को अलग-अलग रखें ताकि मच्छरों को घर में जगह न मिले। मलेरिया विभाग द्वारा मच्छरों के उत्पादन को रोकने के लिए फॉगिंग मशीनों द्वारा धुएं के छिड़काव किया जाणवला है। जल्द ही प्रत्येक वार्ड में सूखे और नम कचरे के भंडारण के लिये डब्बे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नगरपालिका हमेशा लोगों के साथ है और सार्वजनिक सेवा में काम करना जारी रखेगी।

चिकित्सा अधीक्षक डी.डी. गायकवाड़ से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि चार दिन पहले अस्पताल में  रूपाली को बुखार के चालते इलाज कि खातीर दाखल किया गया था, हमने इलाज किया, लेकिन खून कि कमी और प्रकृती ठीक न होणे पर नांदेड़ फेरफ किया गया था। उन्होंने कहा कि शहर में डेंगू के बारे में हमारी जागरूकता और उपचार चल रहा है।

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nandednewslive/नांदेड जिल्ह्याची पहिली वृत्तवाहिनी
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