गणेशोत्सव की पूर्व संध्या पर महावितरण की लुकाछिपी का खेल शुरू हो गया
हिमायतनगर | पिछले कुछ दिनों से महावितरण कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मनमानी गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं। ग्राहक को सेवा देणे में लापरवाही और स्वार्थी काम में अधिक रुची दिखाई जा रही है। नतीजतन, महावितरण द्वारा किये जानेवाले बिजली अपूर्ती में लुकाछिपी का खेल चल रहा है, इसलिए मानसून के दौरान उपभोक्ताओं सहित आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कल से हिंदू भाइयों का सबसे बड़ा त्योहार गणेशोत्सव शुरू होने जा रहा है। इस धार्मिक अवधि के दौरान बिजली की आपूर्ति सहि तरीके नाही हुई तो महावितरण के विरोध में आंदोलन किया जायेगा ऐसी चेतावनी शहर के प्रथम तथा पूर्व नगराध्यक्ष अ.अखिल अ.हमीद ने दैनिक भास्कर से मुलकात के दौरान दी।
जबकि राज्य सरकार 24 घंटे बिजली प्रदान करके उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने पर जोर दे रही है, किंतु महावितरण के अधिकारी - कर्मचारी सुचारू रूप से बिजली अपूर्ती में लापरवाही बरतने के कारण आम जनता को स्मस्याओ का सामना कारण पड राहा है । परिणाम स्वरूप, शहर में लटक रहे बिजली के तारों के कारण उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति अक्सर बाधित होती है। यही नहीं, पिछले दो महीनों में बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण बिजली की समस्यासे परेशान गाव के लोगो ने महावितरण ऑफिस पर जुलूस निकाला है। सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति होणे का ब्युरो दस्तावेजों पर लिखकर समस्यां कि कम्प्लेंट से मरम्मत की गई है, ऐसी अधिकारी दुखते है, वास्तव में, कई स्थानों पर, बिजली संयंत्र खराब हो रहे हैं और कुछ गांवों में बिजली की आपूर्ति नहीं है।
जहां बिजली के सामान्य उपभोक्ता आनेवाले बिजली बिलों के कारण आर्थिक परेशानी में आ गए हैं, वहीं शहर और ग्रामीण इलाकों में महावितरण कंपनी के अधिकारी जानबूझकर बिजली आपूर्ति का संकट दूर करणे में विलंब करणे से आमजनता को अंधेरी में रहणा पड़ रहा है। गर्मी के दिनों में बिजली की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं आई है, लेकिन मानसून की शुरुआत के बाद, उपभोक्ताओं को अधिकारी - कारमियॉ कि लापरवाही के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। अब उत्सव शुरू हो गए हैं, कल से, देश का सबसे बडा त्योहार गणेशोत्सव उसके के बाद, गौरी माता के आगमन, और फिर दुर्गा महोत्सव, दशहरा-दिवाली, आदि के बाद हिंदू, मुस्लिम और सभी समुदायों के धार्मिक त्योहारों का आणा - जाणा जारी हो जाएगा। सबसे बड़े गणेशोत्सव के कारण, शहर के लोग गणेशभक्त के साथ, उत्सव की अवधि में बिजली की आपूर्ति सुरक्षित होने की उम्मीद कर रहे हैं।
हाल ही में, एक तालुकास्तरीय शांति समिति की बैठक पुलिस स्टेशन में आयोजित की गई थी। मैं अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के कारण उपस्थित नहीं था, लेकिन बैठक में महावीतरण कंपनी का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। इस समय गणेश भक्तों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही गणेश मांडली के युवाओं द्वारा पिछले दो वर्षों के लिए कोटेशन के नाम कि बाची हुई राशि क्यू वापस नहीं किया गया... ऐसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं, पिछले आठ दिन पहले, वितरण कर्मचारियों कि लापरवाही से एक व्यक्ति को बिजली का शोक लगणे से अस्पताल में भरती कराया गया था| इसी तरह, कई लोगों को बिजली की आपूर्ति के बिना बिलों का भुगतान करना पड़ता है, बिलों का भुगतान नाही करणे पर बिजली अपूर्ती खंडित करणे कि चेतावणी दि जाती है, अनिवार्य रूप से बिजली बिल भरणे वालो को कारवाई कि धमकी और जिन्होने बकाया भरा नहीं उन्हे खुली छुट मिलती है.. और गरीब लोगों पर बिजली चोरी कि कारवाई कि जाती है ए कैसा न्याय है।
वास्तव में, वे बिजली अधिकारी - कर्मयो ने ग्राहक को बिजली सुरक्षा और सुचारू अपूर्ती पर लक्ष केंद्रित रखणा जरुरी हैं। इसके लिए हर छह महीने में मरम्मत की जरूरत होती है। हर साल बिजली के रखरखाव के लिए बिजली वितरण कंपनी को लाखों रुपये मिलते हैं। लेकिन पिछले कई सालों से, शहर सहित तालुका के ग्रामीण इलाकों में जोडे हुए, तुटे हुए तारों के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। शहर के कई हिस्सों में, कई जगह हैं जहां जुड़े हुए बिजली के तार, उजागर लैंप, कई घर, और बिजली के तारों के साथ-साथ घरों के नजदिक असुरक्षित बिजली के खंभे और लैंप दिखाई देते हैं। शिसे में तूफान की चपेट में आने से नागरिकों को एक जीवनदायिनी आपदा का सामना करना पड़ रहा है। अतीत में, बिजली कि तार मुख्य सड़क पर क्षतिग्रस्त हो गई थी। सौभाग्य से, लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कोई दुर्घटना नहीं हुई है। किंतु इस मामले को और गणेशोत्सव त्योहार को मुद्दे नजर रखते हुए महावितरण के अधिकारी - कारमियॉ ने सुचारू और सुरक्षित बिजली अपूर्ती कि जिम्मेदारी निभायें.. वर्ना महावितरण के कार्यालय पार गहनष भक्तो के साथ बिजली ग्राहक का मोर्चा निकाला जायेगा ऐसी चेतावनी शहर के प्रथम तथा काँग्रेस के पूर्व नगराध्यक्ष अ.अखिल अ.हमीद ने दि है|