अच्छे स्वास्थ्य के लिए आदर्श जीवन महत्वपूर्ण है - राजयोगिनी डॉ. विशाखा गर्गे


हिमायतनगर (अनिल मादसवार) आज के युग में मनुष्य मांसाहारी हुआ है, कारणवंश जीवन-शैली में अमूल परिवर्तन हुआ है, इस परिवर्तन ने हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ईससे वाचणे के लिये शुद्ध और शाकाहारी, आहार और प्राकृतिक सब्जियों का सेवन करणे से जीवनशैली में नियमितता लई जा सकती  है, जाबाकी उत्तम स्वास्थ्य और जीवन जीने के आवश्यक है, ऐसा मंत्रांच्या राजयोगिनी डॉ. विशाखा गर्गे ने व्यक्त किया है।
वे हिमायतनगर में आयोजित विश्व योग दिवस के उपलक्ष पर, शिवीर में प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और व्यावहारिक सबक प्रदान करते वक्त बोल रहे थे। हाल ही में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, ओमशांति केंद्र, रेलवे स्टेशन रोड, यहापर डॉ. राजेंद्र वानखेड़े की उपस्थिति में, श्री परमेश्वर मंगल कार्यालय में मूलचंदजी पिंचा इनकी उपस्थिती में, प्राचार्य डॉ. उज्वला सदावर्ते इनकी उपस्थिती में हुतात्मा जयवंतराव पाटिल महाविद्यालय में, पंचायत समिति कार्यालय के श्री गायकवाड इनकी उपास्थिती में, तारीख 20 से 22 इन तीन दिनों तक संचालिका बी.के. शीतल की उपस्थिति में राजयोग शिविर संपन्न हुवा। इस अवसर पर आगे बोलते हुए, डॉ. विशाखा गार्गे ने कहा कि, योग मनुष्य के स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है; योग करते समय, योग के उच्चतम रूप से सूर्य नमस्कार को बडा महत्व है सूर्य नमस्कार का मतलब हमेशा धूप में रहना है। 


योग के माध्यम से, ईश्वरीय दिव्य शक्ति के माध्यम से स्वर्ग लोक को स्थापित करने के लिये राजयोग के विषय को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। यह जानने के बाद, शिवबाबा कि पूजा आराधना करने से मानव जीवन के महत्व का पता चलता है। योगा  और योग के विपरीत, उन्होंने कहा कि योगा शरीर के रसायन को दूर कर शरीर को फिट रखने के लिए और कई बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जात है। और योग मन और मस्तिष्क को फिट रखने के लिए और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार के साथ योग करना आवश्यक है, जिसमें मंत्रयोग, लययोग, हृदययोग, कर्मयोग, सहजयोग, ज्ञानयोग, बुद्धियोग और राजयोग तथा उसी के लिए आवश्यक अष्ठांगयोग कैसे किया जाता है इसका डेमो कर दिखाया है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि, जैनाचार्य के आत्म-सम्मान और अरविंद परमदेवानी के योग, कर्मसु कौशलम, इसका अर्थ है, कि योग की शक्ति, सभी कर्म और इसे कुशलता से करने की क्षमता प्रदान करता है, कारण यह उन लोगों के लिए हमेशा बेहतर होता है जो योग का अभ्यास करके दिव्य शक्ति के निरंतर खतरे से दूर रहते हैं। इसलिये सभी ने नित्यनियम से योग और शिवबाबा कि आराधना कर मनुष्य जीवन को आनंदमय बनाये ऐसा अनुरोध किया, इस शिविर में, वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं सहित सभी उम्र के महिलाओं और पुरुषों ने भी शिविर का लाभ उठाया है।

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