हिमायतनगर (अनिल मादसवार) इस साल के खरीप मौसम का नुकसान होणे के बाद में कपासपर बोन्डइल्लि के हमले में फसल का पुरी तऱहासे नुकसान हुवा है। इसी कारण एका अल्पभूधारक किसान ने जहरीला दवा गट्ककर आत्महत्या की। इस घटना के कारण एक बार फिर से सरकार को किसानों कि होनेवाली आत्महत्या को रोकना नामूमकिन हुवा है, ऐसी चर्चा ऋणमाफी से वंचित रहनेवाले किसानों द्वारा कि जा रही है।
इस बारे में विस्तरित समाचार यह है कि, इस वर्ष खरीप के मौसम में अल्प प्रमाण में हुई बारिश के कारण खरीप फसल पुरी तऱ्हासे नुकसानि में आई है। कुछ किसान कपास कि फसल पे निर्भर थे, किंतु कपास कि फसलपर बोन्डइल्लि ने पुरी तऱ्हासे आक्रमण किया। इसकारण जादातर किसानों कि कपास कि फसला पुरी तऱ्हासे नुकसानी में आई, कारणवश खरीप मौसम में किसानों ने किया हुवा खर्च नई निकाल पाया है। इस तरह का अनुभव तहसील के ग्राम कामारी के मृतक किसान रामदास किशन शिरफुले वर्ष 40 उनको भी आया था।
मृतक किसान के नाम पर कामारी ग्राम परिसर में 2 हेक्टर खेती हैं, खेती में बुवाई के लिये बैंकों से लिए गए कर्ज को कैसे भरू इस चिंता में व्यस्त थे। साथी परिवार का खर्च और बेटीयो कि पढाई कैसे होगी इसकी चिंता उन्हे खाये जा रही थी। सरकार ने ऋणमाफी घोषित की, किंतु ऑनलाइन करोबार के कारण कई किसान सरकार कि ऋणमाफी से वंचित हैं। अब मुझे भी ऋणमाफी का लाभ मिलेगा कि नहीं ...? ऐसा उन्हे लग रहा था, और साथ हि फसला पर बोन्डइल्लि के प्रादुर्भाव से हुई फसलं नुकसानी को लेकरं तारीख 05 फरवरी को मृतक किसान ने विषारी दवा गटक ली। इस बात कि जाणकारी पारिजानो को मिलते हि उन्हें तत्काल नांदेड के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब तक उनकी मृत्यु हो गई थी, उनकी मृत्यु पश्चात तीन लड़कियां, पत्नी ऐसी परिवार है। उनके जाने से परिवार निराधार हो गए हैं। इस घटना से सांवरने के लिए सरकार ने मृतक किसान के परिवार को तत्काल मदद देकर ऋणमाफी के आयोजन गो तेजगती से अंमल में लाकर ऋणमाफि में हो रही त्रुटियों और शर्तों को दूर कर के सभी किसानों ऋणमाफी दि जाये ऐसी मांग ग्राम कामारी व परिसर के किसानों द्वारा कि जा राही है।