पलसपूर - माणकेश्वर- कोपरा घाट से होनेवाले रेत चोरी को रोकने कि मांग
हिमायतनगर (अनिल मादसवार) विदर्भ - मराठवाडे कि सीमा से बाहनेवाली पैनगंगा नदी किनारे स्थित ग्राम पलसपूर से माणकेश्वर कि और जानेवाले रास्ते कि नदी किनारे से हजारो ब्रास रेत उत्खनन का सिलसिला तहसीलदार, मंडल अधिकारी, पटवारी व पुलिस पटेल कि मिलीभगत से कुछ माफियाओ ने जारी किया है/ इस प्रकार से पर्यावरण को बाधा पहुंचकर नदी किनारे ग्रामवासियो समेत मवैशियो को पाणी के लिये दर दर
भटकणे की नौबत आई है/ इस मामले को ध्यान में रखकर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीयो कि उपास्थिती में जांच कर अवैद्य रीती से निकाले जानेवाले रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने कि मांग किसानों ने ज्ञापन द्वारा जिलाधिकारी से कि है/ जिससे स्थानिक अधिकारी द्वारा खनन में हो रही मिलीभगत का परदाफाश हुवा है/
नदीपात्र से रेत का उत्खनन करणे के लिये प्रथम स्थानीय राजनैतिक नेता के हस्तक व पटवारी से डील कि गई, बाद ८ से १० ट्रॅक्टर, जेसिबी मशीन द्वारा छुट्टी के रोज दिनभर और अन्य दिनो रात के ९ बजे से लेकरं सुबहा के ४ तक रेत निकलकर खनन के नियम को कुडेदान दिखाया जा रहा है/ खनन कि हुई रेती नदीकिनारी स्थित ताडोबा के मैदान में जमा कर स्तवोक किया जात है, सुबहा ५ से लेकर ९ बजे तक जरुरत मंद लोगो को शौच्चलय, घरकुल, नाली - सिमेंट रास्ते का निर्माण कार्य के लिये २ हजार से लेकर २ हजार २०० रुपये तक के दाम में बेची जाती है, ऐसी जाणकारी पूर्व रेती के इस धंदे में शामिल होनेवाले एक व्यक्ती ने नाम न छपवाने कि शर्तपर दि है/ इतनाही नही रेती निकालने के दौरान परिसर में स्थित किसानों के खेती में वाहन आने, जाणे के कारण किसानों कि फसला का भी काफी नुकसान हुआ है/ कारणवश एक किसान ने किसी भी प्रकार कि परमिशन लिये बिना निकाले जानेवाले अवैद्य रेत खनन पर रोक लगाकर जांच कर शासन का होनेवाला नुकसान बचाने कि मंग कि है/ साथ हि राजस्व के अधिकारी व कर्मीयो कि मिलीभगत से होनेवाली हेराफेरी व गोलमटोल करोबार कि जांच कर खेती फसलं के हुए नुकसानी का मुआवजा दिलाने की मांग भी कि है/
हिमायतनगर (अनिल मादसवार) विदर्भ - मराठवाडे कि सीमा से बाहनेवाली पैनगंगा नदी किनारे स्थित ग्राम पलसपूर से माणकेश्वर कि और जानेवाले रास्ते कि नदी किनारे से हजारो ब्रास रेत उत्खनन का सिलसिला तहसीलदार, मंडल अधिकारी, पटवारी व पुलिस पटेल कि मिलीभगत से कुछ माफियाओ ने जारी किया है/ इस प्रकार से पर्यावरण को बाधा पहुंचकर नदी किनारे ग्रामवासियो समेत मवैशियो को पाणी के लिये दर दर
भटकणे की नौबत आई है/ इस मामले को ध्यान में रखकर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीयो कि उपास्थिती में जांच कर अवैद्य रीती से निकाले जानेवाले रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने कि मांग किसानों ने ज्ञापन द्वारा जिलाधिकारी से कि है/ जिससे स्थानिक अधिकारी द्वारा खनन में हो रही मिलीभगत का परदाफाश हुवा है/
नदीपात्र से रेत का उत्खनन करणे के लिये प्रथम स्थानीय राजनैतिक नेता के हस्तक व पटवारी से डील कि गई, बाद ८ से १० ट्रॅक्टर, जेसिबी मशीन द्वारा छुट्टी के रोज दिनभर और अन्य दिनो रात के ९ बजे से लेकरं सुबहा के ४ तक रेत निकलकर खनन के नियम को कुडेदान दिखाया जा रहा है/ खनन कि हुई रेती नदीकिनारी स्थित ताडोबा के मैदान में जमा कर स्तवोक किया जात है, सुबहा ५ से लेकर ९ बजे तक जरुरत मंद लोगो को शौच्चलय, घरकुल, नाली - सिमेंट रास्ते का निर्माण कार्य के लिये २ हजार से लेकर २ हजार २०० रुपये तक के दाम में बेची जाती है, ऐसी जाणकारी पूर्व रेती के इस धंदे में शामिल होनेवाले एक व्यक्ती ने नाम न छपवाने कि शर्तपर दि है/ इतनाही नही रेती निकालने के दौरान परिसर में स्थित किसानों के खेती में वाहन आने, जाणे के कारण किसानों कि फसला का भी काफी नुकसान हुआ है/ कारणवश एक किसान ने किसी भी प्रकार कि परमिशन लिये बिना निकाले जानेवाले अवैद्य रेत खनन पर रोक लगाकर जांच कर शासन का होनेवाला नुकसान बचाने कि मंग कि है/ साथ हि राजस्व के अधिकारी व कर्मीयो कि मिलीभगत से होनेवाली हेराफेरी व गोलमटोल करोबार कि जांच कर खेती फसलं के हुए नुकसानी का मुआवजा दिलाने की मांग भी कि है/