जीएसटी में पेट्रोल डीजल की अनुपलब्धता के चलते महंगाई में वृद्धि हुई - सांसद राजीव सातव

हिमायतनगर (अनिल मादसवार) पिछले 6 महीनों में देश में एक बड़ा बदलाव आया है, अर्थात जीएसटी का विज्ञापन, इस विज्ञापन में देखा जा रहा है कि, जीएसटी याने गब्बरसिंग टैक्स जो कि अर्थव्यवस्था के हिस्से में ५० प्रतिशत माईने रखता है। एक देश एक टैक्स ऐसा मोदी साहब बता रहे है, किंतु सरकार ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी से बाहेर रखा है/ कारणवश देश में महंगाई बढती जा रही है, महंगाई कम करणे के लिये आनेवाले
महीनों में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए सरकार से लड़ना होगा, ऐसा मंतव्य हिंगोली लोकसभा के सांसद राजीव सातव ने व्यक्त किये। 

वह कार्ला के हनुमान मंदिर व हिमायतनगर में नागनाथ मंदिर के भूमिपुजन कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। प्रथम भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न हुवा इस वक्त सोपान बोम्पीलवार और नागसेविका सुरेखा सदाशिव सातव, संत देवमाय के हातो सांसद का पुष्पहार से स्वागत किया गया। इस समय नांदेड जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष  गंगाधर पाटील चाभरेकर, राजेश फुलारी, नगरसेविका सौ.सुरेखा सातव, नगरसेवक प्रभाकर अण्णा मुधोळकर, शिवाजी पाटील सिरपल्लकर, सत्वशीलाबाई घोडगे, डॉ.अब्दूल गफ्फार,गोपीनाथ पाटील लुम्दे, नाथा चव्हाण, ज्ञानेश्वर शिंदे, डॉक्टर प्रकाश वानखेडे, आनंदराव सूर्यवंशी, सुरेश चप्पलवाड, विलास तुप्तेवार, जांबुवंत मिराशे, आनंदराव रासमवाड, भीमराव लुम्दे, नाथा मोरे, भगवान लुम्दे, सुनील घोडगे, नागसेन गोखले आदींसमेत अन्य गणमान्य व्यक्ती उपस्थित थे/ आगे बोलते हुए सांसद राजीव सातव ने कहा कि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल कारवाया गया होता तो आज ५० रुपये लिटर पेट्रेल और ४० रुपये के नीचे डिजेल कि किंमत हो गई होती। अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो जाती हैं, तो शेष घरेलू समेत अन्य उपयोगी वस्तूओ कि किंमत अपने आप कम होकर आम जनता को मंगाई का सामना नही करणा पडता था। सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से बढावा कर रही है, इसलिए नागरिकों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। 

अपने देश कि अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, सरकार ने शुरुवाती में कृषी मूल्य को निर्धारित कर बता देना चाहिये/ साथ हि जारी किये हुए निर्धारित किमतो में कृषि माल खरीदना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके। केवल घोषित आश्वासन से किसानों कि समस्या हल नहीं होंगी, केवल घोषित दाम, खरेदी केंद्र, ऑनलाइन शॉपिंग से किसानों को राहत नहीं मिलेगी। इसलिये आनेवाले दिनो में किसानों के लिये ऋणमाफी कि राहत, युवाओं के होतो को काम इस पर भी सरकार को ध्यान देना होगा। इसकी खातीर मेरा संघर्ष चल रहा है, केवल कुछ क्षेत्रों में फंडिंग देकर काम करना, यह मेरा काम नहीं, बल्की देश की नीति बदलने के लिए सरकार को जागृत करणा एक सांसद का काम होता है। सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नया कानून बनाकर किसी भी समय, बिना किसी किसान को बतायें जमीन कब्जे लेने के लिए कानून जारी था। हमने इसे एक से डेढ वर्ष तक इस कानून को खारीज करणे के लिए विरोध किया है, तबजाकर सरकार ने जारी भूमि अधिग्रहण अधिसूचना रद्द कर दी है। आज भी केंद्र सरकार को किसानों, किसान मजदुरो, आम लोगों के विकास और आम लोगों के हितों के फैसले लेणे के लिए मजबूर करणे कि खातीर मेरी भूमिका शुरु है। अबतक मैने लोकसभा में १५० से ज्यादा सवाल उठाए हैं, और आगे भी जनता कि खातीर मेरा संघर्ष चलताही रहेगा ऐसा अभिवाचन भी उन्होने उपस्थितो को दिया। इस वक्त हजारो कि तादाद में महिला -पुरुष नागरिक एवं पत्रकार व राजकीय कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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nandednewslive/नांदेड जिल्ह्याची पहिली वृत्तवाहिनी
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