त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे
त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश
लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन्।।
अर्थात् हे चराचर विश्वरूप प्रभु आपके लिंगस्वरूप से ही सम्पुर्ण जगत अपने अस्तित्व में आता है उसकी उत्पत्ति होती है, हे शंकर हे विश्वनाथ अस्तित्व में आने के उपरांत यह जगत आप में ही स्थित रहता है, अर्थात आप ही इसका पालन करते हैं अंततः यह सम्पुर्ण श्रृष्टि आप में ही लय हो जाती है।।
नांदेड जिल्ह्यातील हदगाव तालुक्यातील केदारगुडा येथील केदारनाथ मंदिरातील महादेवाचे सायंकाळी अभिषेक पूजा दर्शन.. भाविक - भक्तांसाठी
केदारनाथ मंदिरात गुरुवार सकाळची गुलाब पाकळ्यांनी केलेली महापूजा भाविकांचा दर्शनासाठी