भारत से हताश होकर लौट गए थे Nobel विजेता

Google Doodle Celebrates Har Gobind Khorana: 
भारत से हताश होकर लौट गए थे Nobel विजेता, इन 5 वैज्ञानिकों का संघर्ष भी है यादगार 
हर गोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी, 1922 को रायपुर में हुआ था. विभाजन के बाद रायपुर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया

नई दिल्ली - Google ने आज का अपना Doodle मेडिकल साइंस के क्षेत्र में Nobel पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हर गोविंद खुराना को समर्पित किया है. हर गोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी, 1922 को रायपुर में हुआ था. विभाजन के बाद रायपुर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया.  हायर एजुकेशन हासिल करने के बाद खुराना भारत लौटे लेकिन उन्हें यहां उस तरह के मौके नहीं मिले जैसे वे चाहते थे. वे इंग्लैंड गए और फिर वहां से 1966 में यूएस सिटिजन बन गए. उन्हें 1968 में मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. उन्होंने DNA के कई रहस्यों पर से पर्दा उठाया था. हर गोविंद खुराना का 9 नवंबर, 2011 में निधन हो गया. हालांकि बॉलीवुड साइंस फिक्शन के मामले में बहुत एक्टिव नहीं है लेकिन बॉलीवुड के कुछ यादगार साइंटिस्ट हैं जो हमेशा याद रहेंगे. डॉ. हर गोविंद खुराना की जयंती पर पेश है बॉलीवुड के पांच यादगार साइंटिस्ट जिनका संघर्ष भी कम नहीं रहाः

Pravasi Bharatiya Divas 2018: 
माधुरी-शिल्पा से कनिका कपूर तक, देशी नहीं NRI के साथ इन्होंने बसाया घर
पंकज कपूर, एक डॉक्टर की मौत (1990)
'एक डॉक्टर की मौत' में पंकज कपूर वैज्ञानिक बने थे जिन्होंने कुष्ट की वैक्सीन ईजाद की थी. फिल्म की कहानी एक डॉक्टर और उसकी रिसर्च को लेकर संघर्ष की कहानी है. किस तरह व्यवस्था और पूरा सिस्टम उसे मजबूर कर देता है. आखिर में उसे अपनी खोज एक श्राप लगने लगती है. फिल्म को तपन सिन्हा ने डायेक्ट किया था.

Mirza Ghalib: 
दिलोदिमाग पर छा जाएगी उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की ये इश्किया शायरी

ऋतिक रोशन, कृष (2006)
इसमें ऋतिक एक जीनियस बने हैं, और वे कमाल के साइंटिस्ट हैं. वे एक ऐसी मशीन बनाते हैं जो फ्यूचर देख सकती है. बस एक विलेन उसे हासिल करना चाहता है लेकिन ऋतिक उसे ऐसा नहीं करने देना चाहते. ये सीरीज हिट है और फिल्म में टेक्नोलॉजी और साइंस का मिक्सचर दिखाया गया है. इस फिल्म को ऋतिक के पिता राकेश रोशन ने डायरेक्ट किया है.

आमिर खान, 3 ईडियट्स (2009)
राजकुमार हिरानी का फुंगसुक वांगडू का कैरेक्टर तो कभी भुलाया ही नहीं जा सकता. एक हल्के-फुल्के अंदाज में जीवन का सबक सिखाने वाला यह साइंटिस्ट जेहन से निकल  ही नहीं सका. आमिर खान ने इस किरदार को यादगार बना दिया.  

Mirza Ghalib poet: 
महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब को थे ये तीन शौक जिन्हें वे आखिरी सांस तक नहीं छोड़ पाए

रजनीकांत, रोबोट (2010)
डायरेक्टर शंकर की इस फिल्म में भी एक वैज्ञानिक का संघर्ष नजर आता है. यही नहीं, इसमें मैन वर्सेज मशीन भी दिखाया गया है कि किस तरह एक रोबोट कैसे अपना अस्तित्व बनाने लगता है और अपने बनाने वाले से मुकाबला करने को उतर जाता है. फिल्म में टेक्नोलॉजी का शानदार इस्तेमाल किया गया था.  

शाहरुख खान, रा.वन (2010)
अनुभव सिन्हा की इस फिल्म में शाहरुख खान साइंटिस्ट और गेम डेवलपर बने हैं. उनके कैरेक्टर गेम से बाहर आ जाते हैं, और फिर एक्शन का धमाल शुरू हो जाता है. फिल्म को लेकर काफी हाइप थी और टेक्नोलॉजी का जबरदस्त इस्तेमाल किया गया है. 

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box

Previous Post Next Post
nandednewslive/नांदेड जिल्ह्याची पहिली वृत्तवाहिनी
nandednewslive/नांदेड जिल्ह्याची पहिली वृत्तवाहिनी